उद्देश्य व कार्य

इस संस्था के उद्देश्य व कार्य


  1. समाज के प्रत्येक वर्ग को भारतीय संस्कृति के अनुपम योग सामर्थ्य से लाभान्वित कराने के लिए योग का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करना, प्रशिक्षण की समुचित व्यवस्था कराना, प्रशिक्षित शिक्षकों को तैयार करना, पत्रिका प्रकाशित करना एवं वितरित करना
  2. बालकों, विद्यार्थियों एवं युवकों में भारतीय जीवन मूल्यों की प्रतिष्ठापना प्रखर राष्ट्रीय भावना एवं नैतिक उत्थान हेतु विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं एवं साहित्य का प्रकाशन एवं वितरण, सभा सम्मेलन, विचार, गोष्ठियों, शिक्षाप्रद, फिल्म प्रदर्शन, अभिनय, परंपरागत लोक संस्कृति प्रशिक्षण व्यक्तित्व विकास शिविर, प्रदर्शनी, देव-दर्शन, महापुरुषों की जयंतिया, परंपरागत उत्सव एवं आदि विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करना ।
  3. संस्कृत भाषा को लोकप्रिय बनाने एवं सीखने सिखाने के लिए आवश्यक प्रयास करना ।
  4. नई पीढ़ी के शारीरिक विकास हेतु परंपरागत व्यायाम जैसे मलखम जुड़ों कराटे (नियुद्ध), कुश्ती, तीरंदाजी तथा सभी प्रकार के ग्रामीण खेलों को प्रोत्साहन देने हेतु नियमित एवं विशिष्ट कार्यक्रमों, खेलकूद केंद्रों की स्थापना कराना ।
  5. निर्धन एवं असहाय व्यक्तियों के लिए अन्य, वस्त्र, भोजन, आवास, औषधि आदि की व्यवस्था करना ।
  6. समाज के निर्बल पीड़ित एवं अन्याय ग्रस्त व्यक्तियों को निशुल्क कानूनी सहायता देना ।
  7. भारत के सनातन सांस्कृतिक जीवन मूल्यों, आदर्शों एवं परंपराओं की रक्षा करना तथा सभी नागरिकों में अपने पूर्वजों की श्रेष्ठ सांस्कृतिक परंपराओं रीति-रिवाजों एवं पवित्र संस्कारों की प्रतिष्ठापना कराना। वनवासी,गिरिवासी तथा भारत के सभी प्रांतों में निवास करने वाले व्यक्तियों में भारत के महापुरुषों, श्रेष्ठ पूर्वजों के प्रति श्रद्ध राष्ट्रीय एकात्मता एवं समरसता का भाव जगाने हेतु सभी आवश्यक एवं उपयोगी कार्य करना व व्यवस्था करना।
  8. देश की प्रांतीय तथा क्षेत्रीय भाषाओं में बोलियों का अध्ययन, अध्यापन एवं अनुसंधान करना तथा इनके प्रचार-प्रसार हेतु सभी आवश्यक कार्य करना।
  9. समाज के लोगों को गौ की महत्ता बता कर गौसेवा हेतु प्रोत्साहित करना, गौशाला चलाना एवं अन्य गौशालाओं को सहायता करना । समाज को व्यसन मुक्त करने हेतु प्रचार प्रसार करना तथा समाज को उन्नत करने के लिए विशेष अभियान चलाना ।
  10. उपरोक्त उद्देश्यों के सिवाय और भी कोई कार्य जो ट्रस्टियों को योग्य लगे ऐसा सेवा कार्य करना, करवाना। उपरोक्त उद्देश्यों की पूर्ति हेतु संस्था उपरोक्त व अन्य सभी कार्य कर सकेगी एवं उपरोक्त उद्देश्य अथवा उद्देश्यों में लगी संस्थाओं व्यवस्थाओं को इन उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु आर्थिक सहायता एवं सहयोग दें व ले सकेगी।